पौष मास में शुक्ल पक्ष एकादशी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि इस एकादशी के व्रत के समान दूसरा कोई व्रत नहीं है। जिन्हें संतान होने में बाधाएं आती हैं उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए। इस उपवास को रखने से संतान संबंधी हर चिंता और समस्या का निवारण हो जाता है। अगर किसी को संतान प्राप्ति में बाधा होती है तो उन्हें इस व्रत को करना चाहिए। व्रत के महात्म्य को सुनने वाले को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत दो प्रकार से रखा जाता है निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत।
पौष पुत्रदा एकादशी एकादशी पूजा 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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पौष पुत्रदा एकादशी एकादशी | शुक्रवार | 10 जनवरी 2025 |
पौष पुत्रदा एकादशी एकादशी | मंगलवार | 30 दिसंबर 2025 |
पौष पुत्रदा एकादशी एकादशी | बुधवार | 31 दिसंबर 2025 |
पौष पुत्रदा एकादशी पूजा समय :
एकादशी तिथि शुरू : 12:25 - 9 जनवरी 2025
एकादशी तिथि ख़त्म : 10:20 - 10 जनवरी 2025
पौष पुत्रदा एकादशी पूजा समय :
एकादशी तिथि शुरू : 07:50 - 30 दिसंबर 2025
एकादशी तिथि ख़त्म : 05:05 - 31 दिसंबर 2025
भगवान विष्णु और विशेषकर विष्णु जी के बाल गोपाल रूप की पूजा करनी चाहिए। द्वादशी को भगवान विष्णु की अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करनी चाहिए। द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद उनसे आशीर्वाद प्राप्त करके स्वयं भोजन करना चाहिए।