सावन के मंगलवार को 'मंगला गौरी व्रत' मनाया जाता है। यह व्रत मंगलवार को होने के कारण ही मंगला गौरी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। मंगला गौरी व्रत करने से विवाह में आ रही वाधा दूर हो जाती है। अविवाहितों के अलावा यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए भी सौभाग्यशाली माना जाता है। इससे सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन माता मंगला गौरी यानी पार्वती की पूजा करके मंगला गौरी की कथा सुनना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत पूजा 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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पहला मंगला गौरी व्रत | मंगलवार | 15 जुलाई 2025 |
दूसरा मंगला गौरी व्रत | मंगलवार | 22 जुलाई 2025 |
तीसरा मंगला गौरी व्रत | मंगलवार | 29 जुलाई 2025 |
चौथा मंगला गौरी व्रत | मंगलवार | 05 अगस्त 2025 |
इस व्रत को करने तथा मंगला गौरी की कथा सुनने से मनचाहा फल मिलता है। अपने संतान और पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को करना जरूरी माना जाता है। इस व्रत को करने से सौभाग्यए मिलता है जिस वजह से नवविवाहित दुल्हनें इसे प्रेम पूर्वक करती हैं।