गणगौर का उत्सव राजस्थान तथा मध्यप्रदेश का स्थानीय पर्व हैं। चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को यह त्योहार मनाया जाता हैं। इस दिन कुवारी तथा विवाहित महिलाओं द्वारा शिव पार्वती के अवतार इसर गौरी की पूजा कर गणगौर के गीत गाये जाते हैं। पूजा करते हुए दूब से पानी के छांटे देते हुए गोर गोर गोमती गीत गाती हैं। विवाहित महिलायें चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर पूजन तथा व्रत कर अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं।
गणगौर पूजा 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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गणगौर पूजा | मंगलवार | 1 अप्रैल 2025 |
गणगौर पूजा समय :
तृतीया तिथि शुरू : 09:10 - 31 मार्च 2025
तृतीया तिथि ख़त्म : 05:40 - 1 अप्रैल 2025
गणगौर की पूजा में गाये जाने वाले लोकगीत इस अनूठे पर्व की आत्मा हैं। इस पर्व में गवरजा और ईसर की बड़ी बहन और जीजाजी के रूप में गीतों के माध्यम से पूजा होती है तथा उन गीतों के बाद अपने परिजनों के नाम लिए जाते हैं। राजस्थान के कई प्रदेशों में गणगौर पूजन एक आवश्यक वैवाहिक रस्म के रूप में भी प्रचलित है।