2025 दत्तात्रेय जयंती पूजा तारीख व समय, 2025 दत्तात्रेय जयंती त्यौहार समय सूची व कैलेंडर
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को दत्तात्रेय जयंती के रूप में भी मनाई जाती है। मान्यता अनुसार इस दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों का स्वरूप माना जाता है। दत्तात्रेय में ईश्वर एवं गुरु दोनों रूप समाहित हैं जिस कारण इन्हें श्री गुरुदेवदत्त भी कहा जाता है। मान्यता अनुसार दत्तात्रेय का जन्म मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को प्रदोषकाल में हुआ था। श्रीमद्भगावत ग्रंथों के अनुसार दत्तात्रेय जी ने चौबीस गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी।
दत्तात्रेय जयंती पूजा 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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दत्तात्रेय जयंती पूजा | गुरूवार | 4 दिसंबर 2025 |
मार्गशीर्ष महीने की पूर्णता दत्तात्रेय जयंती के रूप में पूर्णमासी को होने के कारण विशेष महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है कि दत्तात्रेय नित्य प्रात: काशी में गंगाजी में स्नान करते थे। इसी कारण काशी के मणिकर्णिका घाट की दत्त पादुका दत्त भक्तों के लिए पूजनीय स्थान है। इसके अलावा मुख्य पादुका स्थान कर्नाटक के बेलगाम में स्थित है। देशभर में भगवान दत्तात्रेय को गुरु के रूप में मानकर इनकी पादुका को नमन किया जाता है। भगवान दत्त के नाम पर दत्त संप्रदाय का उदय हुआ दक्षिण भारत में इनके अनेक प्रसिद्ध मंदिर भी हैं। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय के निमित्त व्रत करने एवं उनके दर्शन-पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।