![gajvadan vinayak aarti in hindi](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgvWri_hsL0oTWNzXdQEIP317nox1eIj4D3ABP6vvSQoz5NW2YrHENZGNo2GF-Rg0Y_44drEnF5WuluEPcbMs8UuKGeu91Yoi4OKBNh1To8DdsGCtZCr1qo3AJOROYUcEK36zFXFpK6x3oj/s1600/gajvadan-vinayak-aarti.jpg)
श्री गजवदन विनायक की आरती
आरती गजवदन विनायक की।सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥ टेक।।
एकदंत शशिभाल गजानन,
विघ्नविनाशक शुभगुण कानन,
शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन,
दु:खविनाशक सुखदायक की॥
सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥
ऋद्धि-सिद्धि स-वामी समर्थ अति,
विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति,
अघ-वन-दहन, अमल अविगत गति,
विद्या-विनय-विभव दायक की॥
सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥
पिंगलनयन, विशाल शुंडधर,
धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर,
लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर,
सुर-वन्दित सब विधि लायक की॥
सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥