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2021 मासिक प्रदोष व्रत पूजा तारीख व समय, 2021 मासिक प्रदोष व्रत त्यौहार समय सूची व कैलेंडर

2021 प्रदोष व्रत पूजा तारीख व समय, 2021 प्रदोष व्रत त्यौहार समय सूची व कैलेंडर
2021 प्रदोष व्रत पूजा तारीख व समय, 2021 प्रदोष व्रत त्यौहार समय सूची व कैलेंडर

प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना की जाती है | यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है | हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13 वें दिन (त्रयोदशी) पर रखा जाता है | हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष, मंगलवार को आने वाला प्रदोष और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का महत्व और लाभ अलग अलग है।

प्रदोष व्रत पूजा 2021 के तारीख व कैलेंडर:

त्यौहार के नाम दिन त्यौहार के तारीख
प्रदोष व्रत रविवार 10 जनवरी 2021
प्रदोष व्रत मंगलवार 26 जनवरी 2021
प्रदोष व्रत मंगलवार 9 फरवरी 2021
प्रदोष व्रत बुधवार 24 फरवरी 2021
प्रदोष व्रत बुधवार 10 मार्च 2021
प्रदोष व्रत शुक्रवार 26 मार्च 2021
प्रदोष व्रत शुक्रवार 9 अप्रैल 2021
प्रदोष व्रत शनिवार 24 अप्रैल 2021
प्रदोष व्रत शनिवार 8 मई 2021
प्रदोष व्रत सोमवार 24 मई 2021
प्रदोष व्रत सोमवार 7 जून 2021
प्रदोष व्रत मंगलवार 22 जून 2021
प्रदोष व्रत बुधवार 7 जुलाई 2021
प्रदोष व्रत बुधवार 21 जुलाई 2021
प्रदोष व्रत गुरूवार 5 अगस्त 2021
प्रदोष व्रत शुक्रवार 20 अगस्त 2021
प्रदोष व्रत शनिवार 4 सितंबर 2021
प्रदोष व्रत शनिवार 18 सितंबर 2021
प्रदोष व्रत सोमवार 4 अक्टूबर 2021
प्रदोष व्रत रविवार 17 अक्टूबर 2021
प्रदोष व्रत मंगलवार 2 नवंबर 2021
प्रदोष व्रत मंगलवार 16 नवंबर 2021
प्रदोष व्रत गुरूवार 2 दिसंबर 2021
प्रदोष व्रत गुरूवार 16 दिसंबर 2021
प्रदोष व्रत शुक्रवार 31 दिसंबर 2021

प्रमोशम के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त से पहले के समय को शुभ माना जाता है। इस समय के दौरान ही सभी सारी पूजा पाठ किये जाते है। इस व्रत को वार के अनुसार करने से ज्‍यादा लाभ मिलता है। जिस वार को यह व्रत पड़ता है उसी अनुसार कथा पढ़ने से फल भी प्राप्‍त होते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार शिव जी की पूजा का सही समय शाम का है, जब मंदिरों में प्रदोषम मंत्र का जाप किया जाता है। यदि प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है तो इस व्रत को करने से पुत्र की प्राप्‍ती होगी।  यदि व्‍यक्‍ति को सभी प्रकार की पूजा पाठ और व्रत करने के बाद भी सुख शांति और खुशी नहीं मिल पा रही है तो उस व्‍यक्‍ति को हर माह पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर जप, दान, व्रत आदि करने से पूरा फल मिलता है।

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